Cart

Your Cart is Empty

Back To Shop

Cart

Your Cart is Empty

Back To Shop
Sale

Aapka Bhavishya Aapke Haath Mein By A P J ABDUL KALAM

284.00

  • Publication: Rajpal Publication
  • ASIN No: 9789350643818
  • Binding: Paperback
  • Language: Hindi
  • Page: 222

(In Stock)

SKU: Rajpal-295-Hindi Categories: , , ,

10 Days Replacement Only

Fastest Delivery: 4-6 Days 
Sold and fulfilled by Ahooza Online Shop
 

Save Extra with offers

Cashback: Get 5% CASHBACK on every order  

Buy two or more and save ₹25 on the shipping charge.

 

Aapka Bhavishya Aapke Haath Mein By A P J ABDUL KALAM

[expander_maker id=”1″ more=”Read more” less=”Read less”]

आभार 

पिछले कई वर्षों से मेरी टीम के सदस्य पूरे समर्पण और लगन से काम कर रहे हैंमेरे भाषण तैयार करने में वे मेरी मदद करते हैं और जहाँ भी मैं जाता हूँ, वे मेरे साथ जाते हैंमैं हज़ारों लोगों से मिलता हूँ, उनसे बातचीत करता हूँ, उन सबको वे बहुत ही बारीकी से नोट करते हैंउनके बनाए हुए नोट्स मेरे लिए एक स्रोत बन जाते हैं जिनके आधार पर अपनी सोच और मैंने क्या सीखा उस पर विचार करता हूँकई बार मैं सोचता हूँ कि ये सब मेरे साथ काम क्यों करते हैं? आज तक मुझे इसका कोई उत्तर नहीं मिला तो शायद यह उनकी प्रेम प्रवृत्ति ही है और आपस में मेरे और उनके बीच एक तालमेल बैठ चुका है। 

शेरेडन, प्रसाद, धनश्याम, पोनराज और जनरल स्वामिनाथनमैं प्रत्येक का दिल से आभारी हूँमुझे बहुत अफ़सोस है कि यह पुस्तक प्रकाशित होने से पहले ही जनरल आर. स्वामिनाथन चल बसेमेरे दोस्त डॉ. अरुण तिवारी और धनश्याम शर्मा ने इस पुस्तक को तैयार करने में उल्लेखनीय योगदान दियाहज़ारों मेल को पढ़कर धनश्याम शर्मा ने उन्हें विषयानुसार अलगअलग वर्गों में संयोजित कियाविषय की बेहतर प्रस्तुति के लिए अरुण ने बहुत मेहनत से अनेक मेल को एक साथ सम्मिलित किया और मेरे विचारों को वाक्यों में अभिव्यक्त करने में सहायता की। 

मुझे राजपाल एण्ड सन्ज़, विशेषकर मीरा जौहरी, के साथ काम करने में बहुत खुशी हुई। 

मैंने अपने मातापिता से यह बात सीखी कि हमारी ज़िन्दगी जैसी भी है, अच्छी या बुरी, इस बात पर आधारित है कि हम ईश्वर के प्रति कितने कृतज्ञ हैंमैं उन सभी लाखों युवाओं का आभारी हूँ जो समय निकालकर मुझे लिखते हैं या अपने प्रश्न मुझे भेजते हैं

हमारी कृतज्ञता की पहचान यह नहीं है कि हम ईश्वर के दिए वरदानों के बारे में क्या कहते हैं कृतज्ञता वह है कि हम उन वरदानों का कैसे सदुपयोग करते हैंअपने प्रिय पाठकों का आभारी हूँ कि उन्होंने मन को भाने वाली हज़ारों चीजों में से मेरी यह पुस्तक उठाई। 

मैं आप सबके लिए प्रार्थना करता हूँ कि आपकी सभी आशंकाएँ और अविश्वास कृतज्ञता में परिवर्तित हो जाएँ। 

नई दिल्ली

अगस्त, 201

पी जे अब्दुल कलाम 

 buy now-Aapka Bhavishya Aapke Haath Mein By A P J ABDUL KALAM

[/expander_maker]

Weight0.265 kg
Dimensions20 × 1 × 27 cm

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.

You may also like…

Cart

Your Cart is Empty

Back To Shop
Independently verified
72 reviews